दूरदराज और ग्रामीण इलाकों तक पहुंच बनाने के लिए देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी बैंक चालू वित्त वर्ष के अंत तक बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट की संख्या को दोगुना करने की योजना बना रहा है। एचडीएफसी बैंक की कंट्री हेड (गवर्नमेंट इंस्टीट्यूशनल बिजनेस एंड स्टार्टअप) स्मिता भगत का कहना है कि मार्च 2020 तक हमारे बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट की संख्या 25 हजार हो जाएगी।
अभी बैंक के 11 हजार बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट
स्मिता भगत का कहना है कि हम अपने दूरदराज के ग्राहकों को अच्छी बैंकिंग सुविधाएं देने का प्रयास करते हैं। इसके लिए हमने अब तक 11 हजार बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट नियुक्त किए हैं। चालू वित्त वर्ष के अंत तक हम इनकी संख्या को बढ़ाकर 25 हजार करने जा रहे हैं। भगत का कहना है कि बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट नेटवर्क के जरिए एक ग्राहक को अपने घर के पास सभी प्रकार की बैंकिंग सुविधाएं मिलेंगी। इसमें खाता खोलना, फिक्स्ड डिपॉजिट, पेमेंट प्रोडक्ट और लोन संबंधी सेवाएं शामिल हैं।
नेटवर्क विस्तार के लिए सीएससी से समझौते पर विचार
भगत ने बताया कि बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट नेटवर्क में विस्तार के लिए बैंक ई-गवर्नेंस कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) से समझौते पर विचार कर रहा है। देश के दूरदराज इलाकों तक बैंकिंग सेवाएं देने के लिए एचडीएफसी बैंक ने 2018 में सीएससी से हाथ मिलाया था। इसके तहत बैंक ने सीएससी के विलेज स्तर के एंटरप्रन्योर एसोसिएट्स को बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट के रूप में नियुक्त किया था। पूरे देश में 3 लाख से ज्यादा कॉमन सर्विस सेंटर कार्य कर रहे हैं।
कौन होता है बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट
बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट व्यक्तिगत तौर पर बैंकिंग सेवा मुहैया कराने वाला व्यक्ति होता है। उसे लोगों से डिपॉजिट लेने और बैंक की ओर से कर्ज देने का अधिकार होता है। वह कर्ज के एवज में ब्याज हासिल करने का अधिकार रखता है। वह माइक्रो इंश्योरेंस पॉलिसी बेचता है। वह म्यूचुअल फंड प्रोडक्ट भी बेच सकता है। वह दूसरे पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स से जुड़े भुगतान और प्राप्ति का कामकाज भी कर सकता है।
आरबीआई ने 2006 में दी थी बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट नियुक्त करने की अनुमति
बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट वहां नियुक्त किए जाते हैं जहां बैंक या दूसरी वित्तीय सेवाएं नहीं हैं। जिन इलाकों में बैंक की शाखाएं नहीं हैं वहां भी इन्हें नियुक्त किया जाता है। इसका उद्देश्य समावेशी बैंकिंग को बढ़ावा देने का होता है। इससे देश के दूर-दराज के इलाकों में बैंकिंग सेवा पहुंचाने में मदद मिलती है। साल 2006 में रिजर्व बैंक ने बैंकों को यह अनुमति दे दी कि वे बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट नियुक्त करने के लिए गैर बैंकिंग इंटरमीडियरी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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