चीन की दिग्गज इंटरनेट कंपनी बायडांस ने अपने शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक का मुख्यालय अमेरिका शिफ्ट करने का फैसला किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से लगाए गए बैन से बचने के लिए चीनी कंपनी ने यह फैसला किया है। चीन के सरकारी टीवी चैनल सीजीटीएन की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
अमेरिकी अधिकारियों के सामने पेश किया प्लान
सीजीटीएन की रिपोर्ट के मुताबिक, बायडांस की ओर से अमेरिकी अधिकारियों के सामने एक प्लान पेश किया है। इस प्लान के मुताबिक, अमेरिका में बनने वाले नए हेडक्वार्टर में टिकटॉक की बड़ी हिस्सेदारी बनी रहेगी। इसके अलावा टेक कंपनी ओरेकल को आंशिक हिस्सेदारी दी जाएगी। दूसरे संभावित निवेशक वॉलमार्ट को भी टिकटॉक की आंशिक हिस्सेदारी दी जाएगी। वॉलमार्ट ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को खरीदने के लिए बोली लगाई थी। इस मामले से वाकिफ सूत्रों का कहना है कि अभी सौदेबाजी की प्रक्रिया चल रही है और अंतिम प्लान में बदलाव हो सकता है।
अमेरिका में ही स्टोर होगा यूजर्स का डाटा
रिपोर्ट के मुताबिक, स्वतंत्र थर्ड पार्टी नई कंपनी में डायरेक्टर के रूप में सेवा देंगी। टिकटॉक और इसके कोर अल्गोरिदम पर टिकटॉक का कंट्रोल जारी रहेगा। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता को देखते हुए टिकटॉक के यूजर्स का डाटा अमेरिका में स्टोर किया जाएगा और ओरेकल डाटा सर्विस प्रोवाइडर के रूप में सेवा देगी। अमेरिका के कोषाध्यक्ष स्टीवन मूचिन का कहना है कि बायडांस ने टिकटॉक ग्लोबल को अमेरिकी हेडक्वार्टर वाली कंपनी बनाने और 20 हजार नई नौकरियां पैदा करने का वादा किया है। ओरेकल टिकटॉक का नया भरोसेमंद टेक्नोलॉजी पार्टनर होगा।
20 सितंबर से पहले बेचना होगा टिकटॉक का अमेरिकी कारोबार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 6 अगस्त को एक एक्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया था। इस ऑर्डर के मुताबिक, बायडांस को टिकटॉक का अमेरिकी कारोबार 20 सितंबर से पहले बेचना होगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो टिकटॉक को अमेरिका में बैन कर दिया जाएगा। बीते सोमवार को बायडांस ने कहा था कि वह टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार को माइक्रोसॉफ्ट या ओरेकल को नहीं बेचेगा। चीनी कंपनी ने कहा था कि वह किसी भी अमेरिकी खरीदार को सोर्स ऑफ कोड भी नहीं देगा।
अमेरिका ने भारत के बाद लगाया था बैन
लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद इसी साल जून में भारत ने टिकटॉक समेत चीन से जुड़े 59 ऐप पर बैन लगा दिया था। इसके बाद सरकार ने 47 और चीनी ऐप बैन किए थे। इसमें अधिकांश पहले बैन किए गए ऐप के क्लोन थे। इस महीने की शुरुआत में भी सरकार ने चीन से जुड़े 118 ऐप पर बैन लगाया है। इस प्रकार अब तक सरकार चीन से जुड़े 224 ऐप पर बैन लगा चुकी है। भारत की कार्रवाई के बाद ही अमेरिका ने टिकटॉक पर बैन से जुड़ा एक्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
To Contact Insurance and Investment Expert
Thanks for reading. Please Share, Comment, Like the post And Follow, Subscribe Insurance and Investment News
from Source
No comments: