प्रॉपर्टी की कम मांग और सुस्त निर्माण चक्र के कारण सीमेंट की खपत पर असर पड़ेगा। रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष (2021) में सीमेंट की खपत में 15 फीसदी से ज्यादा की कमी आ सकती है। एजेंसी के मुताबिक, सीमेंट की कुल घरेलू मांग का 65 फीसदी हाउसिंग सेगमेंट पर निर्भर है।
स्टील की मांग भी प्रभावित रहेगी
रेटिंग एजेंसी का कहना है कि अन्य सेक्टर्स से मांग में कमी के कारण चालू वित्त वर्ष में स्टील की मांग पर भी 10 फीसदी तक का असर पड़ सकता है। फिच रेटिंग्स का कहना है कि कारोबारी अनिश्चितता और बेरोजगारी की चिंता के कारण उपभोक्ताओं के विश्वास में कमी आई है। इस कारण रियल एस्टेट सेक्टर में मांग प्रभावित हुई है। इससे निपटने के लिए प्रॉपर्टी डवलपर कैश में ऑपरेटिंग कर रहे हैं। एजेंसी के मुताबिक, होम लोन पर कम ब्याज और रजिस्ट्री जैसी अन्य लागत में कमी के बावजूद प्रॉपर्टी की मांग में सुधार नहीं हो रहा है।
लेबर की कमी के कारण प्रभावित हो रहा है निर्माण कार्य
एजेंसी का कहना है कि लेबर की उपलब्धता में कमी और कच्चे माल की आपूर्ति प्रभावित होने के कारण निर्माण कार्य पर असर पड़ रहा है। एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि लोन रिस्ट्रक्चरिंग, मोराटोरियम और लैंडिंग लिमिट में ढील जैसे आरबीआई के उपायों से प्रॉपर्टी सेक्टर को फंडिंग संबंधी अस्थायी राहत मिली है। हालांकि, जब तक इस सेक्टर के ऑपरेशन, एंड यूजर मांग में सुधार और समर्थित कीमतों में कोई बड़ा सुधार नहीं होता है तब तक वित्तीय संस्थान इस सेक्टर को कर्ज देने में कमी जारी रखेंगे।
कम वित्तीय प्रोफाइल वाले डवलपर ज्यादा प्रभावित होंगे
रिपोर्ट में कहा गया है कि कमजोर वित्तीय प्रोफाइल, हाई-एंड-प्रोजेक्ट पर फोकस करने वाले और आरबीआई की रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम का लाभ नहीं मिलने वाले डवलपर वित्तीय संकट से ज्यादा प्रभावित होंगे। पूंजी तक कम पहुंच के कारण ऐसे डवलपर वित्तीय प्रोफाइल को मजबूत करने के लिए बड़े और अच्छी साख वाले डवलपर्स के साथ साझेदारी करेंगे।
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