3 साल बाद आईपीओ में रिटेल सब्सक्रिप्शन 71 गुना, हैपिएस्ट माइंड ने तोड़ा रिकॉर्ड, 2007 में दो कंपनियों में अब तक सबसे ज्यादा रिटेल निवेशकों की भागीदारी
(अजीत सिंह)-लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था को भले ही बुरी तरह से प्रभावित किया हो, लेकिन पिछले कुछ महीनों में शेयर बाजार के लिए यह पॉजिटिव रहा है। खासकर रिटेल निवेशकों ने इस दौरान अच्छा निवेश बाजार में किया है। हैपिएस्ट माइंड के आईपीओ में रिटेल निवेशकों का सब्सक्रिप्शन 70.94 गुना रहा है। इससे पहले साल 2017 में एस्ट्रॉन पेपर में 73 गुना, 2007 में रेलिगेयर इंटरप्राइजेज के आईपीओ में 93.5 गुना और एवरॉन सिस्टम में 123 गुना रिटेल सब्सक्रिप्शन हुआ था।
इस तरह से हैपिएस्ट माइंड चौथा सबसे ज्यादा रिटेल सब्सक्रिप्शन वाला आईपीओ पिछले 13 सालों मे रहा है।
लॉकडाउन में निवेशकों की संख्या में इजाफा
बता दें कि लॉकडाउन के बाद से शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। डीमैट अकाउंट की संख्या में 30 लाख से ज्यादा की वृद्धि हुई है। विश्लेषकों के मुताबिक घरों में बैठे रहने के कारण ज्यादातर नए निवेशकों ने बाजार में छोटी कंपनियों में पैसे लगाकर कमाई किए हैं। हालांकि यह जोखिम भरा कदम था, बावजूद इन नए निवेशकों ने जोखिम उठाया और अच्छा खासा निवेश किया। मार्च के स्तर से बाजार में 50 प्रतिशत की तेजी में निवेशकों ने अच्छे पैसे बनाए हैं।
रेलिगेयर इंटरप्राइजेज को 160 गुना सब्सक्रिप्शन
स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक साल 2007 में रेलिगेयर इंटरप्राइजेज का आईपीओ कुल 160 गुना भरा था। जबकि एवरॉन के आईपीओ को 131 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। अब तक जिन आईपीओ में रिटेल निवेशकों ने ज्यादा भागीदारी की है उसमें सालासर टेक्नोलॉजी में 58 गुना, उज्जीवन स्माल फाइनेंस बैंक में 49 गुना, सीएसबी में 44 गुना की भागीदारी रही है। इसी तरह साल 2018 में आए अपोलो माइक्रो में 40 गुना और 2008 में आए फ्यूचर कैपिटल होल्डिंग में 55 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ था।
बीजीआर एनर्जी में रिटेल का सब्सक्रिप्शन 47 गुना
2007 में बीजीआर एनर्जी में 47 गुना, इसी साल मुंद्रा पोर्ट में 16 गुना ज्यादा पैसा रिटेल निवेशकों ने लगाया था। तीन आईपीओ ऐसे रहे हैं जिन्हें 200 गुना से ज्यादा रिस्पांस मिला है। एस्ट्रॉन पेपर का इश्यू 241 गुना सब्सक्राइब हुआ था। सालासर टेक्नोलॉजी को 273 गुना, अपोलो माइक्रो को 248 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। बीजीआर एनर्जी का आईपीओ 119 गुना, एडलवाइस कैपिटल का 119 गुना और एडवांस्ड एंजाइम का आईपीओ 116 गुना सब्सक्राइब हुआ था।
पिछले 12 सालों में 15 आईपीओ ऐसे रहे हैं जिनको 100 गुना से ज्यादा सब्सक्रिप्शन मिला है। इसमें प्रमुख रूप से हैपिएस्ट माइंड इस मामले में आठवें नंबर पर है जिसे 150 गुना सब्सक्रिशन मिला है।
इस साल आईपीओ में अभी तक तेजी नहीं
वैसे इस साल में आईपीओ का बाजार पूरी तरह से ठप रहा है। हाल के दिनों में कुछ आईपीओ जरूर आए हैं, पर यह अभी बहुत कम हैं। इस साल में एसबीआई कार्ड, रोसारी बायोटेक, रूट मोबाइल, हैपिएस्ट माइंड और माइंड स्पेस का रिट आईपीओ ही आया है। इसमें रिट आईपीओ को 13 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। साल 2017 आईपीओ के लिए हाल के सालों में अच्छा साल रहा है। इसमें कुल 36 आईपीओ आए थे। इसके जरिए 68 हजार करोड़ रुपए की राशि जुटाई गई थी।
आगे और आईपीओ आ सकते हैं
रूट, हैपिएस्ट, माइंड स्पेस रिट आईपीओ की सफलता के बाद अब आनेवाले दिनों में आईपीओ बाजार में कंपनियां लाइन लगा सकती हैं। एक अनुमान के मुताबिक 30 से ज्यादा कंपनियों को सेबी की अनुमति मिली है। यह कंपनियां अच्छे समय का इंतजार कर रही थीं। अब इनके आने की उम्मीद है। वैसे इस महीने में 21 सितंबर को कैम्स के 1,500 करोड़ रुपए के आईपीओ के आने की संभावना है। अगर यह सफल होता है तो फिर 3,000 करोड़ रुपए के लिए यूटीआई भी अपना आईपीओ ला सकती है।
यूटीआई का आ सकता है बड़ा आईपीओ
संभावना है कि यूटीआई भी इसी महीने के अंत तक अपने आईपीओ ला सकती है। दरअसल इस महीने में आईपीओ लाने का एक फायदा यह होगा कि कंपनियों को सितंबर तिमाही की बैलेंसशीट जमा नहीं करनी होगी। अन्यथा अक्टूबर में आईपीओ आने पर सितंबर तिमाही की बैलेंसशीट भी देनी होगी। इसलिए कुछ कंपनियां इस महीने में आईपीओ ला सकती हैं। इस महीने में अभी तक हैपिएस्ट और रूट मोबाइल ने आईपीओ लाया है।
इस साल में चार आईपीओ आए
लॉकडाउन के बाद से अब तक कुल चार आईपीओ आए हैं। इन चारों को इंस्टीट्यूशनल और रिटेल दोनों का मजबूत रिस्पांस मिला है। कैम्स आईटी सेवा देनेवाली कंपनी है जो म्यूचुअल फंड के लिए काम करती है। इसके आईपीओ में शेयर का भाव 1,100 से 1,200 रुपए हो सकता है। इसमें एनएसईआईएल की 37.50 प्रतिशत, एचडीएफसी की 5.99, एचडीएफसी बैंक की 3.33, एचडीएफसी ट्रस्ट की 3.19 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
एलआईसी का आईपीओ सबसे बड़ा होगा
उधर भारतीय शेयर बाजार में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ एलआईसी का आना है। माना जा रहा है कि यह आईपीओ अगले साल जनवरी से मार्च के दौरान आ सकता है। वैसे यह 80 हजार करोड़ रुपए का आईपीओ है और इसके जरिए भारतीय बाजार की तस्वीर बदली जा सकती है। इस आईपीओ के आने से डिमैट खातों की संख्या में भारी वृद्धि हो सकती है। कहा जा रहा है कि इसमें कर्मचारियों को 10 प्रतिशत का डिस्काउंट मिलेगा। एलआईसी के पास 1.10 लाख कर्मचारी हैं। 12 लाख एजेंट हैं।
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