सीमेंट की कीमतों में आई गिरावट, अब दिवाली के साथ त्यौहारी सीजन पर कंपनियों की नजर, मांग बढ़ने की उम्मीद
कोरोना संकट के बीच सीमेंट की कीमत और मांग दोनों में गिरावट आई है। इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स (IIP) के मुताबिक जुलाई में इंडस्ट्री वॉल्यूम भी घटा है। सालाना आधार पर इसमें करीब 13.7 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस गिरावट की वजह कोरोना का बढ़ता प्रकोप और लेबर की कमी को माना जा रहा है। ऐसे में अब कंपनियों को दिवाली के साथ आने वाले त्यौहारी सीजन में मांग में बढ़त की उम्मीद है।
कीमत और मांग में गिरावट
कोरोना संकट के बीच अगस्त महीने में सीमेंट की कीमतें घटी हैं। सेंट्रल इंडिया के शहर इंदौर, सतना, कानपुर और जबलपुर में कीमतें घटी हैं। इसके अलावा पूर्वी भारत के कलकत्ता, पटना, भुवनेश्वर जैसे शहरों में भी सीमेंट की मांग में कमी आई है। जहां कीमतें 30 रुपए प्रति बोरी तक नीचे आई हैं। दरअसल कीमत और मांग में गिरावट की वजह कोरोना महामारी के दौरान रुके निर्माण कार्यों का दोबारा न शुरु हो पाना ही माना जा रहा है। दूसरी ओर लॉकडाउन के चलते घर लौटे मजदूरों की वापसी भी नहीं हुई है। जिसका निर्माण क्षेत्र पर बुरा प्रभाव पड़ा है।
उत्पादन में कमी
लॉकडाउन के दौरान निर्माण कार्यों में आई सुस्ती का असर सीमेंट की कीमतों में नजर आ रही है। आईआईपी के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई सीमेंट के उत्पादन में गिरावट आई है। इंडस्ट्री वॉल्यूम सालाना आधार पर 13.7 प्रतिशत नीचे आ गई है। हालांकि माह दर माह सीमेंट उत्पादन में अप्रैल के मुकाबले जुलाई में बढ़ा है। अप्रैल में सीमेंट उत्पादन 5 मिलियन टन के नीचे था, जबकि जुलाई में उत्पादन 20 मिलियन टन के ऊपर रहा। आनंदराठी का अनुमान है कि सालाना आधार पर अगस्त में ये गिरावट 10-35 प्रतिशत के बीच रहेगी।
कंपनियों को त्यौहारी सीजन से उम्मीद
मांग में आई कमी के बीच अब कंपनियों को दिवाली के साथ आने वाले त्यौहारी सीजन से उम्मीद है। दरअसल दिवाली के आसपास खरीफ की फसल आने वाली है। जिससे किसानों के पास नकदी आएगी। इसके अलावा आरबीआई के आदेश के मुताबिक, बैंकों को इस महीने में कॉरपोरेट लोन रीस्ट्रक्चरिंग करनी है। इससे शहरी क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है। इन्हीं फैक्टर्स के आधार पर जानकारों ने उम्मीद जताई है कि दिवाली के त्यौहारी सीजन में सीमेंट की मांग बढ़ सकती है।
जुलाई में आईआईपी आंकड़ों में गिरावट
मैन्यूफैक्चरिंग, माइनिंग और इलेक्ट्रिक फील्ड के निराशाजनक प्रदर्शन के कारण जुलाई में आईआईपी में 10.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। सरकारी आंकड़ों में बताया गया है कि जुलाई में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के प्रोडक्शन में 11.1 प्रतिशत की गिरावट रही। माइनिंग सेक्टर में प्रोडक्शन 13 प्रतिशत और बिजली उत्पादन 2.5 प्रतिशत घटी है। गौरतलब है कि जुलाई 2020 में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स (आईआईपी) 118.1 अंक रहा। जबकि इससे पहले अप्रैल, मई और जून 2020 में यह क्रमश: 54, 89.5 और 108.9 अंक रहा था।
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