कोरोना काल में जरूरतें पूरी करने के लिए कर्मचारियों ने EPF से निकाले 39 हजार करोड़ रुपए, महाराष्ट्र में निकाले गए सबसे ज्यादा रुपए
कोरोना काल में लोगों ने अपने PF अकाउंट से पैसा निकालकर अपना काम चलाया है। सरकार ने मानसून सत्र के दौरान लोकसभा को बताया कि लॉकडाउन की घोषणा के दिन यानी 25 मार्च से 31 अगस्त के बीच पूरे देश में ईपीएफ मेंबर्स ने 39,402 करोड़ रुपए निकाले हैं।
पैसा निकालने के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने लोकसभा को दिए लिखित जवाब में बताया कि इस साल 25 मार्च से 31 मार्च के बीच ईपीएफ अकाउंट्स से 39,402.94 करोड़ रुपए निकाले गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा रकम महाराष्ट्र में निकाली गई है। यहां कर्मचारियों ने कुल 7,837.85 करोड़ रुपए निकाले। इसके बाद इस मामले में दूसरे नंबर पर कर्नाटक रहा, यहां लोगों ने ईपीएफ अकाउंट से 5,743.96 करोड़ रुपए निकाले गए। तीसरे नंबर पर तमिलनाडु और पुड्डचेरी हैं, जहां लोगों ने कुल 4,984.51 करोड़ रुपए निकाले।
अप्रेल से अगस्त तक निकले 35,445 करोड़ रुपए
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने चालू वित्त वर्ष में अप्रेल से अगस्त तक यानी 5 महीनों के दौरान कुल मिलाकर 35,445 करोड़ रुपए के 94.41 लाख भविष्य निधि दावों का निपटारा किया है। कोरोना के कारण लोगों को पैसों की जरूरत को देखते हुए क्लेमों को जल्दी निपटाने का काम चल रहा है।
पिछले साल से 32 फीसदी ज्यादा दावे निपटाए
श्रम मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से अगस्त अवधि के दौरान ईपीएफओ ने पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 32 फीसदी अधिक दावों का निपटारा किया है। वहीं इस दौरान वितरित की गई राशि में भी करीब 13 फीसदी की वृद्धि हुई है।
एडवांस निकासी सुविधा के तहत निकाले सबसे ज्यादा पैसे
श्रम मंत्रालय के अनुसार अप्रैल से अगस्त 2020 के दौरान जितने भी भविष्य निधि दावों का निपटारा किया गया उनमें से 55 फीसदी दावे कोविड-19 अग्रिम निकासी वाले थे जबकि 33 फीसदी दावे बीमारी से जुड़े दावों के थे। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कोरोना संकट को देखते हुए ईपीएफ खाताधारकों को राहत देते हुए 30 जून तक उनके जमा की एडवांस निकासी की सुविधा दी थी।
पिछले वित्त वर्ष में निकले थे 72 हजार करोड़ रुपए
वित्त वर्ष 2019-20 में कुल 72 हजार करोड़ रुपए निकाले गए थे। वहीं इस वित्त वर्ष में सिर्फ चार महीने में 30 हजार करोड़ रुपए निकाले जा चुके हैं। ऐसे में अगर हालात जल्द नहीं सुधरे तो यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। EPFO करीब 10 लाख करोड़ का फंड मैनेज करता है और इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या करीब 6 करोड़ है।
कोरोना के कारण नए सब्सक्राइबर्स की संख्या में आई गिरावट
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के अनुसार जून महीने में 6.55 लाख नए रजिस्ट्रेशन हुए। इससे पहले मई महीने में EPFO में 3.18 लाख नए रजिस्ट्रेशन हुए थे। अप्रैल महीने में महज 1.33 लाख नए रजिस्ट्रेशन हुए थे। इस साल मार्च में नए रजिस्ट्रेशन घटकर 5.72 लाख रह गई थी। वहीं लॉकडाउन लगने से पहले फरवरी 2020 में 10.21 लाख नए लोग ईपीएफ सदस्यों में जुड़े थे। कोरोनावायरस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के कारण इसमें गिरावट आई है। EPFO में रजिस्ट्रेशन के आंकड़े संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति को बताता है।
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